मैं हूँ।।
जब प्यार रूठ जाए,
जब दिल यह टूट जाए,
जब रास्ते ही सारे हमसे यूँ रूठ जाएँ,
तब धीरे से वह आए,
और सिर पर प्यार से
हाथ रखकर बतलाए,
सब ठिक हो जाएगा क्योंकि,
मैं हूँ, मैं हूँ ना... हूँ।।।
वह हाथ जिसके सिवा,
इस सिर पर कुछ न आए,
जिसका कुछ में हो जाए बसर,
अपने आँसुओं को रोककर,
वह पिता अपनी बेटी के पास आए,
और सिर पर प्यार से
हाथ रखकर बतलाए,
सब ठिक हो जाएगा क्योंकि,
मैं हूँ, मैं हूँ ना... हूँ।।।
केवल दौलत या शोहरत देकर,
वह पिता कभी रुकता नहीं,
भाई बनकर अपनी बेटी की
वह रक्षा करे,
कभी बहन बनकर,
प्यार से डाँट दे,
कभी माँ बनकर हर छोटी
चीजों का वह खयाल करे,
और हर मुश्किल घड़ियों में
दोस्त बनकर धीरे से वह आए,
और सिर पर प्यार से
हाथ रखकर बतलाए,
सब ठिक हो जाएगा क्योंकि,
मैं हूँ, मैं हूँ ना... हूँ।।।
nice
ReplyDeleteToo good👍
ReplyDeleteAmazing!!👌
ReplyDeleteVery Good. Keep writing more..
ReplyDeleteToo good
ReplyDeleteWell written 👌👌😘
ReplyDeleteSuperb
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDeleteसबका बहुत धन्यवाद.... आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है।
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